"सामूहिक शादियों पर खर्च करें धार्मिक ट्रस्ट"

भिवंडी :- गरीब की शादी में पैसों का रोड़ा न पड़े, इसके लिए राज्य चैरिटी कमिशन ने एक नई तरकीब ईजाद की है। मिली जानकारी के अनुसार, कमिशन व्दारा सभी धार्मिक ट्रस्ट को आदेश दिया है कि ट्रस्ट में पड़े पैसों का इस्तेमाल आर्थिक रूप से कमजोर तबके की बेटियों की शादी के लिए करें। कोई भी गरीब इंसान बेटी की शादी के खर्च के बोझ तले खुदकुशी करने को मजबूर न हो। इसीलिए कमिशन व्दारा इस तरह का फरमान जारी किया गया है।


                            कोई भी गरीब कर सकता है आवेदान


मिली जानकारी के आनुसार, आर्थिक रूप से कमजोर कोई भी पिता अपनी बेटी की शादी के लिए आवेदन कर सकता है। समिति व्दारा आवेदक की जांच के बाद उसे शादी के लिए लगने वाला खर्च दिया जाएगा। मंबा देवी ट्रस्ट के मैनेजर हेमंत जाधव ने बताया कि कमिशन व्दारा लिया गया फैसला बेहद ही कारगर हैइससे न केवल गरीब किसानों को लाभ मिलेगा, बल्कि दान के पैसों का सही इस्तेमाल भी हो सकेगा। वैसे हम पहले से भी मंदिर में चढ़ावे के रूप में मिलनी वाली साड़ी को शादी के लिए जरूरतमंदों को देते रहे हैं।


                              दान से हो 'कन्यादान'


धार्मिक संस्थानों के ट्रस्ट के पास काफी पैसे पड़े है, जिन्हें परोपकार के कार्यो में लगना चाहिए। पिछले साल राज्य में हजारों किसानों ने आत्महत्या की थी, इसमें से कुछ लोगों ने बेटी की शादी के लिए पैसे न जुटा पाने के कारण भी आत्महत्या का रास्ता अपनाया था। भविष्य में कोई गरीब पैसे की तंगी से अपनी बेटी के हाथ पीले करने से वंचित न रहे, इसके लिए हमने दान के पैसों से कन्यादान करवाने का फैसला लिया है।


                                जिला स्तर पर समिती


अभियान को सफल बनाने के लिए चैरिटी कमिशन व्दारा बुलाई गई बैठक में धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों को बुलाया गया था। सभी सह-आयुक्तों और उपायुक्तों को निर्देश दिया गया है कि जिला स्तर पर धार्मिक संस्थानों के प्रतिनिधियों से बात कर इस बारे में एक समिति बनाएं। समिती में संस्थानों के सदस्यों के अलावा शिक्षा और सामाजिक गतिविधियों में शामिल लोगों को भी रखा जाएगा। समिति के नाम से एक बैंक अकाउंट खोला जाएगा, इसमें धार्मिक संस्थानों व्दारा पैसे जमा किया जाएगा। इसे जरूरतमंद लोगों को शादी के लिए दिया जाएगा।


धार्मिक संस्थानों की तिजोरीयों में धन होता है, निजका सा.. जिनका साजाजिक कार्यो के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है। गरीब किसानों की बेटियों की शादी में खर्च करना इसका खर्च करना इसका सही इस्तेमाल हो सकता है। - शिवकुमार दिघे, कमिश्नर चैरिटी कमिशन